Gold Price Latest: बढ़ते उतार-चढ़ाव के बीच सोने में रहेगी जबरदस्त तेजी:-

नई दिल्ली, 19 नवंबर 2025: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनाव के बीच सोने की कीमतों में उछाल जारी है। हाल के दिनों में डॉलर की कमजोरी, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती और केंद्रीय बैंकों की बढ़ती मांग ने सोने को एक सुरक्षित निवेश का रूप दे दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 के अंत तक और उसके बाद भी सोने में जबरदस्त तेजी बनी रहेगी, भले ही बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहे।

वर्तमान सोने की कीमत: एक नजर

भारत में सोने की कीमतें हाल के दिनों में थोड़ी अस्थिर रहीं हैं, लेकिन कुल मिलाकर ऊपरी स्तर पर बनी हुई हैं। 19 नवंबर 2025 को, 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत औसतन ₹1,23,448 के आसपास रही, जो पिछले हफ्ते से करीब 1% ऊपर है। 22 कैरेट सोने की कीमत ₹1,13,174 प्रति 10 ग्राम है। यह कीमतें विभिन्न शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में थोड़े अंतर के साथ उपलब्ध हैं।

वैश्विक स्तर पर, सोने की कीमत प्रति औंस $4,094 के ऊपर पहुंच गई है, जो 2025 में अब तक 50% से अधिक की वृद्धि दर्शाती है। यह तेजी न केवल भारत बल्कि चीन और अमेरिका जैसे बाजारों में भी देखी जा रही है।

क्यों बढ़ रही हैं कीमतें? मुख्य कारण

सोने की कीमतों में तेजी के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं। सबसे पहले, भू-राजनीतिक तनाव—जैसे यूक्रेन-रूस संघर्ष, मध्य पूर्व की अस्थिरता और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध—ने निवेशकों को सोने की ओर धकेल दिया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के पहले तीन तिमाहियों में सोने की मांग 10% बढ़ी है, जिसमें केंद्रीय बैंकों की खरीदारी 900 टन तक पहुंच गई।

दूसरा, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और फेड की ब्याज दरों में कटौती ने सोने को आकर्षक बना दिया है। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो बिना ब्याज वाले संपत्ति जैसे सोना ज्यादा लाभदायक लगता है। इसके अलावा, मुद्रास्फीति की आशंका और वैश्विक आर्थिक मंदी के डर ने सोने को हेज के रूप में मजबूत किया है।

भारत में, सांस्कृतिक महत्व के कारण विवाह और त्योहारों के मौसम में मांग बढ़ती है, जो कीमतों को और ऊपर धकेलती है। हालांकि, आयात शुल्क और वैश्विक सप्लाई चेन की समस्याएं अस्थिरता पैदा कर रही हैं।

एक्सपर्ट का बड़ा दावा: उतार-चढ़ाव के बावजूद तेजी जारी

वित्तीय विशेषज्ञ और जेपी मॉर्गन रिसर्च के हेड ग्रेगरी शीयरर ने कहा, "केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी बंद नहीं करेंगे। 2025 के चौथे तिमाही तक सोने की कीमत औसतन $3,675 प्रति औंस पहुंच सकती है। राजनीतिक अनिश्चितताएं, जैसे अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की नीतियां, इस तेजी को और बढ़ाएंगी।"

मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों का भी यही मानना है कि सोना 2025 में 6% की औसत वृद्धि दिखाएगा, खासकर अगर मुद्रास्फीति वापस लौटे। वर्ल्ड बैंक की कमोडिटी मार्केट आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण सोने की मांग ऊपरी स्तर पर बनी रहेगी, और 2026 में भी 4% की वृद्धि संभव है।

निवेशकों के लिए सलाह: कैसे करें स्मार्ट निवेश?

  • डिप पर खरीदें: कीमतों में गिरावट आने पर ही निवेश करें। 10-15% पोर्टफोलियो सोने में रखें।
  • विकल्प चुनें: फिजिकल गोल्ड के अलावा गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर विचार करें, जो टैक्स लाभ देते हैं।
  • ट्रेंड फॉलो करें: वैश्विक समाचारों पर नजर रखें, जैसे फेड मीटिंग्स या ट्रेड वॉर अपडेट्स।
  • जोखिम प्रबंधन: सोने को स्टॉक्स के साथ बैलेंस करें, क्योंकि यह विविधीकरण प्रदान करता है।

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