Step1: अपनी मासिक इनकम कैलकुलेट करें
सबसे पहले, अपनी नेट इनकम (टैक्स कटने के बाद) नोट करें। अगर फ्रीलांसर हैं, तो औसत मंथली कमाई लें। ऐप्स जैसे Money Manager या Excel शीट यूज करें।
Step2: खर्चों को कैटेगरी में डिवाइड करें
- नीड्स (50%): फिक्स्ड खर्चे जैसे EMI, किराया। अगर यह 50% से ज्यादा हो रहा है, तो कटौती करें – जैसे सस्ता फोन प्लान चुनें।
- वॉन्ट्स (30%): यहां क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कम करें। ट्रैक करें कि कहां बेकार खर्च हो रहा है।
- सेविंग्स (20%): सैलरी आते ही यह अमाउंट अलग अकाउंट में ट्रांसफर करें। ऑटो-डेबिट सेटअप करें।
- : ट्रैकिंग और एडजस्टमेंट
हर हफ्ते रिव्यू करें। अगर कोई महीना टाइट हो, तो वॉन्ट्स से 5-10% काटकर सेविंग्स बढ़ाएं। टूल्स जैसे Google Sheets या YNAB (You Need A Budget) ऐप हेल्पफुल हैं।
टिप: शुरुआत में 10% सेविंग से शुरू करें और धीरे-धीरे 20% तक पहुंचें।
पैसे बचाने के अतिरिक्त प्रैक्टिकल टिप्स –
हर महीने पैसे बचाने का तरीका सिर्फ फॉर्मूला नहीं, बल्कि हैबिट्स से बनता है। यहां कुछ फाइनेंशियल टिप्स हिंदी में जो आपकी मदद करेंगे:
- ट्रैकिंग ऐप्स यूज करें:Expense Manager या Wallet ऐप से डेली खर्च लॉग करें। इससे बजटिंग आसान हो जाती है।
- इमरजेंसी फंड बनाएं: 3-6 महीने के खर्च के बराबर सेव करें। हाई-इंटरेस्ट सेविंग्स अकाउंट में रखें।
- इनवेस्टमेंट शुरू करें: 20% का हिस्सा SIP में डालें। म्यूचुअल फंड्स जैसे HDFC Sensex Fund से 12-15% रिटर्न मिल सकता है।
- खर्च कटौती: कॉफी शॉप की बजाय घर पर बनाएं – महीने में ₹2,000 बचेगा। सब्सक्रिप्शन रिव्यू करें और अनयूज्ड कैंसल करें।
- साइड इनकम: फ्रीलांसिंग या ऑनलाइन ट्यूशन से एक्स्ट्रा कमाएं, जो सीधे सेविंग्स में जाए।
केस स्टडी: एक 28 साल की प्रिया ने यह फॉर्मूला अपनाया। पहले महीने ₹5,000 सेव की, छठे महीने ₹30,000 का फंड तैयार। अब वे फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस की ओर बढ़ रही हैं।
| कैटेगरी | प्रतिशत | उदाहरण (₹50,000 सैलरी पर) | टिप्स |
|---|---|---|---|
| नीड्स | 50% | ₹25,000 (किराया, ग्रॉसरी) | फिक्स्ड कॉस्ट कम करें |
| वॉन्ट्स | 30% | ₹15,000 (मूवी, शॉपिंग) | लिमिट सेट करें |
| सेविंग्स | 20% | ₹10,000 (SIP, FD) | ऑटो-ट्रांसफर करें |
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