data:post.body/> Gold Outlook: सोना फिर लगाएगा छलांग या बदलेगा सीन? ये फैक्‍टर तय करेंगे चाल, 2026 के अंत तक यहां पहुंचेगा रेट

Gold Outlook: सोना फिर लगाएगा छलांग या बदलेगा सीन? ये फैक्‍टर तय करेंगे चाल, 2026 के अंत तक यहां पहुंचेगा रेट

सोने की वर्तमान स्थिति: 2025 में क्यों चमका पीला धातु?

2025 की शुरुआत से ही सोना रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर पहुंचा। अप्रैल में $3,500 प्रति औंस का पीक छुआ, और दिसंबर तक $4,200 के आसपास स्थिर हो गया। भारत में, जहां सोना न सिर्फ निवेश बल्कि सांस्कृतिक धरोहर है, कीमतें ₹1 लाख के पार पहुंचीं। ये तेजी वैश्विक घटनाओं का नतीजा है – अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती, भू-राजनीतिक तनाव (जैसे यूक्रेन-रूस युद्ध और मिडिल ईस्ट संघर्ष), और उभरते बाजारों के सेंट्रल बैंकों की भारी खरीदारी।

विशेषज्ञों के मुताबिक, सोने की मांग 2025 में 900 टन से ऊपर रही, जिसमें ETF इनफ्लो और चाइनीज इन्वेस्टरों की भूमिका अहम रही। लेकिन क्या ये ट्रेंड जारी रहेगा? आइए देखें प्रमुख फैक्टर्स जो सोने की कीमत को प्रभावित करने वाले कारक तय करेंगे।

सोने की चाल तय करने वाले प्रमुख फैक्टर: क्या लगाएगा छलांग या गिरेगा सीन?

सोने की कीमतें किसी एक फैक्टर पर निर्भर नहीं होतीं। ये वैश्विक अर्थव्यवस्था, मुद्रा मूल्य, और निवेशक सेंटीमेंट का आईना हैं। यहां 2025-2026 के लिए टॉप फैक्टर्स हैं जो सोने की दिशा बदल सकते हैं:

1. ब्याज दरें और मुद्रास्फीति (Interest Rates & Inflation)

  • कम ब्याज दरें सोने को आकर्षक बनाती हैं क्योंकि ये नॉन-यील्डिंग एसेट का ऑपर्च्यूनिटी कॉस्ट कम करती हैं। 2025 में फेड ने तीन कटौती की, जिससे सोना चमका। 2026 में अगर इन्फ्लेशन 3-4% पर स्थिर रही, तो सोना $4,500 तक पहुंच सकता है।
  • लेकिन अगर इन्फ्लेशन बढ़ी (जैसे अमेरिकी सरकारी खर्च से), तो सोना हेज के रूप में और मजबूत होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि स्टैगफ्लेशन (कम ग्रोथ + हाई इन्फ्लेशन) सोने के लिए सबसे बड़ा बूस्टर साबित होगा।

2. भू-राजनीतिक जोखिम और अनिश्चितता (Geopolitical Risks)

  • ट्रंप प्रशासन की ट्रेड पॉलिसी, टैरिफ वॉर, और ग्लोबल टेंशन (US-चाइना, मिडिल ईस्ट) सोने को सेफ-हेवन बनाते हैं। 2025 में ये फैक्टर्स ने कीमतों को 26% ऊपर धकेला।
  • 2026 में अगर टेंशन बढ़े, तो सोना $5,000 पार कर सकता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, अनिश्चितता सोने की मांग को 710 टन प्रति क्वार्टर तक ले जा सकती है।

3. सेंट्रल बैंक खरीदारी और डॉलर की कमजोरी (Central Bank Buying & Weak Dollar)

  • उभरते बाजारों (जैसे भारत, चीन) के सेंट्रल बैंक 2025 में 760 टन सोना खरीद चुके। 2026 में ये 700-800 टन रहने की उम्मीद है।
  • कमजोर US डॉलर (DXY इंडेक्स 100 से नीचे) सोने को सपोर्ट करता है। अगर डॉलर और गिरा, तो सोने में 20% उछाल संभव।

4. सप्लाई-डिमांड बैलेंस और ETF इनफ्लो (Supply-Demand & ETF Flows)

  • माइनिंग सप्लाई सीमित है (नए प्रोजेक्ट्स कम), जबकि ज्वेलरी और टेक डिमांड मजबूत। भारत में शादियों-त्योहारों से डिमांड बढ़ेगी।
  • ETF इनफ्लो 360 टन रहा 2025 में – अगर ये जारी रहा, तो कीमतें ऊपर रहेंगी। लेकिन हाई प्राइस से कंज्यूमर डिमांड गिर सकती है।

ये फैक्टर्स मिलकर तय करेंगे कि सोना छलांग लगाएगा या सीन बदलेगा। ज्यादातर एनालिस्ट बुलिश हैं, लेकिन शॉर्ट-टर्म वोलेटिलिटी (जैसे $4,000 सपोर्ट लेवल) का खतरा है।

2026 के अंत तक सोने का रेट: एक्सपर्ट प्रेडिक्शन्स

2026 तक सोने की प्रेडिक्शन ज्यादातर पॉजिटिव हैं। यहां प्रमुख बैंकों और एनालिस्ट्स के अनुमान हैं (USD प्रति औंस):

एनालिस्ट/बैंक2026 अंत तक प्रेडिक्शनकारण
J.P. Morgan Private$5,200 - $5,300सेंट्रल बैंक डिमांड
Goldman Sachs$5,000 - $5,055फिस्कल वरीज़ और ETF
Bank of America$5,000रेट कट्स और अनिश्चितता
Morgan Stanley$4,500 (मिड-2026)ETF और CB खरीदारी
Long Forecast$5,952ग्लोबल ग्रोथ
LiteFinance$4,578 - $5,431जियोपॉलिटिकल रिस्क

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