बाजार ने पहले से ही एनडीए की बढ़त की जानकारी और उम्मीदों को बहुत हद तक अपने दामों में समाहित कर लिया था।
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इसलिए जब ‘बड़ी खबर’ आ रही थी, तो “कुछ नया नहीं” मानते हुए बिकवाली हुई.
→ मनोविज्ञानः जैसे आप एक लंबा टैक्स कट मानकर बचत कर रहे हों — अगर वो टैक्स कट सिर्फ उतना ही हुआ जितना उम्मीद थी, तो कुछ विशेष खुशी नहीं होगी।sector-specific pressures - particularly IT - and rapid change.
विशेष रूप से, आईटी सेक्टर कमजोर था क्योंकि विदेशी राजस्व प्रभावित हो सकता INTRODUCTION:-
जब राजनीति और अर्थ-व्यवस्था एक साथ चलती हैं, तो निवेशकों की धड़कनें तेज हो जाती हैं। आज की खबर है कि बिहार की चुनावी गिनती में एनडीए को बढ़त मिल रही है — आमतौर पर इसे “नीति-नियंत्रण में निरंतरता” के रूप में देखा जाता है, जो शेयर बाजार के लिए सकारात्मक माना जाता है। पर इसके बावजूद, बाजार ने बढ़कर नहीं, गिरावट दिखाई — जिससे यह मामला सामान्य नहीं रहा।
Let's consider 10 reasons that may have brought about such a paradoxical response — and understand what was happening in the minds of people.
मुख्य 10 कारण:-
नीचे हर एक कारण के साथ वह भावनात्मक तरंग भी समझने की कोशिश की गई है- ताकि इतना सिर्फ 'सूखा कारण' न रहे, बल्कि हम समझ सकें कि निवेशकों ने कैसा महसूस किया।
विश्व बाजारों की कमजोरी
ग्लोबally, too, things were not looking good: there was weakness in the Asia-Pacific markets, and expectations of a rate cut were falling in the US.
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घरेलू बाजार भी इस वजह से “हम अकेले सुरक्षित नहीं हैं” एहसास कर रहा था।
→ Psychology: Good-bad does not matter, for when there are hot winds blowing from outside, turmoil increases inside, too.
मूल्य पहले-खरीदा हुआ (Election outcome priced in) प्रभाव
है क्योंकि अमेरिकी दरों में कटौती की संभावना कम होने पर है।
लैक ऑफ फॉरेसाइट: चुनाव बढ़त का अर्थ आसान नहीं
An increase in NDA did not necessarily mean immediate "all's well" - investors were also looking at what policies would follow next and how they would be implemented.
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→ Psychology: “हमें तो पता है कि अगली बात क्या होगी?” जैसा सवाल कई निवेशकों के मन में था — जब जवाब नहीं था, तो “ठहाका” बजाने से पहले “रुक” बोलने लगते हैं।
उच्च मूल्यांकन और लाभ-वृद्धि की उम्मीदें
बाजार पहले से ऊपर था — इसलिए थोड़ा भी नया चौंक देने वाला नहीं हुआ।
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↑ पansomatik एक लंबे सफ़र में अगर रास्ते में शॉलो जगह पर भी ब्रेक लग जाए तो "क्या आगे भी ऊपर जाना है?" यह सवाल उठ जाता है: Psychology
प्रवासी पूंजी का सेंटीमेंट बदलना
हालांकि विश्लेषकों ने इसे सबसे मुख्य कारण नहीं बताया है, लेकिन वैश्विक फंडों का निवेश-मिजाज बदलना, बाहर-अंदर होने वाली रकम का असर दिखा रहा था।
Psychology: When the big players pull back a little, the small ones get frightened - - the feeling is, "If they dropped, I would be wrong?"
कह सकते हैं, भविष्य-उन्मुखता की विसंगति
चुनावी बढ़त का मतलब नहीं कि कार्यवाही या नीति-रूप में तेजी आएगी। निवेशक ने देखा कि राजनीतिक रूप से क्लियर-लग रहा था, लेकिन नीति-रूप रूपरेखा अभी पूरी स्पष्ट नहीं थी।
→ मनोविज्ञानः “हम अगले 6-12 महीने में क्या देखेंगे?” यह सवाल लटका हुआ था — जब जवाब नहीं मिलता, बाजार तय नहीं करना चाहता।
मूलभूत आकलनों में सतह-स्थता (Underlying fundamentals not चमकते हुए)
Q2 या निकट-अवधि के आंकड़ों में भारी उछाल नहीं दिखा — मतलब “उम्मीदें पूरी हो रही हैं-पर वैरायटी नहीं है”।
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→ क ल मनोविज्ञान हालात: “अगर मेरी गाड़ी चल तो रही है-पर स्पीड नहीं बढ़ रही, तो क्या मैं अब भी भरोसा करूँगा?” जैसा सवाल निवेशक पूछने लगे हैं।
निरंतरता का दोष-संदेह नहीं बल्कि “कुछ नया चाहिए” की स्थिति
बाजार अक्सर “कुछ नया” चाहता है — सिर्फ यही ना कि सब वही चल रहा हो। एनडीए की बढ़त “सामान्य” लग रही थी क्योंकि उम्मीद पहले से थी — इसलिए उत्साह कम हुआ।
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→ निर्णय होने से पहले “मेगा जवाब” की पर प्रतीक्षा Profit-booking and risk off mood जैसे ही बढ़त का ट्रेंड सामने आया, तो कुछ निवेशक तुरंत “ठप” लेना चाहते थे — “अब तक आया है, आगे क्या होगा?” के सवाल के साथ। → मनोविज्ञानः कुछ लोगों ने सोचा: “बहुत अच्छा हो गया, अब कुछ सुरक्षित ले लूं” — और बेचकर बैठे रहे। छोटे-बड़े इनर डर ने काम किया। भावनात्मक संक्षिप्त सार आज बाजार ने दिखाया कि सिर्फ राजनीतिक पुष्टि ही काफी नहीं — उसके बाद क्या होता है, यह बहुत मायने रखता है।
जब निवेशक ने देखा कि “हां, एनडीए जीत रहा है”, पर साथ में ग्लोबल माहौल कमजोर है, नीतिगत स्पष्टता अधूरी है, और संस्थागत खिलाड़ी सतर्क हैं — तब उन्होंने इस समय सावधानी को चुनाव दिए। यह ठीक उसी तरह है जैसे आप अपने घर में बदलाव की खुशी में हों, लेकिन बाहर मौसम खराब हो — अंदर उत्साह कम हो जाता है. निवेशकों ने सोचा होगा: “यह तैयारी अच्छी है, पर अभी पार्टी शुरू नहीं हुई।” आगे क्या देखना है यह देखा जाएगा कि सरकार-नीति के स्तर पर अगले कुछ हफ्तों-महीनों में क्या घोषणा होती है,
Q3 परिणाम कैसे आते हैं — अगर उम्मीद से नीचे आएँ, तो फिर से दबाव आ सकता है. अर्थ deliberate: निवेशकों का मूड फिर से “खरीद” की दिशा में जाता है या “बचाव” की ओर — यह अगला कदम तय करेगा।
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