क्रेडिट स्कोर क्या है और इसकी गणना कैसे करे !!

क्रेडिट स्कोर की पूरी गाइड: समझें, सुधारें और बेहतर बनाएं

क्रेडिट स्कोर क्या है?

अगर आप कभी लोन या क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं, तो “क्रेडिट स्कोर” शब्द जरूर सुना होगा। ये तीन अंकों की एक रेटिंग होती है, जो 300 से 900 के बीच में रहती है। जितना ज्यादा स्कोर, उतना ज्यादा भरोसा कि आप अपना कर्ज वक्त पर चुका देंगे। बैंक, फाइनेंस कंपनी, यहां तक कि कई बार मकान मालिक भी इसी नंबर से तय करते हैं कि आपको पैसे देना है या नहीं।



क्रेडिट स्कोर कैसे बनता है?

1. भुगतान इतिहास (35%)
सबसे बड़ा रोल आपका पेमेंट हिस्ट्री निभाता है। आपने अपने क्रेडिट कार्ड या लोन की ईएमआई वक्त पर भरी या देर की, यही सबसे ज्यादा असर डालता है। एक लेट पेमेंट भी स्कोर गिरा सकता है।

2. क्रेडिट उपयोग अनुपात (30%)
आपकी क्रेडिट लिमिट का कितना हिस्सा आप यूज़ कर रहे हैं, ये देखा जाता है। कोशिश करें कि 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें, वरना स्कोर पर असर पड़ेगा।

3. क्रेडिट इतिहास की लंबाई (15%)
आपका सबसे पुराना क्रेडिट अकाउंट कब से चल रहा है? जितना पुराना, उतना अच्छा। लंबा और साफ-सुथरा इतिहास स्कोर मजबूत करता है।


4. क्रेडिट मिक्स (10%)
आपके पास किस-किस तरह के लोन या क्रेडिट अकाउंट हैं— क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन, होम लोन वगैरह। अगर आपके पास अलग-अलग टाइप के क्रेडिट हैं, तो ये पॉजिटिव माना जाता है।

5. नए क्रेडिट इन्क्वायरी (10%)
बार-बार नए लोन या कार्ड के लिए अप्लाई करेंगे, तो स्कोर गिर सकता है।

क्रेडिट स्कोर रेंज क्या है?

- 750 या उससे ऊपर: शानदार
- 700-749: बहुत अच्छा
- 650-699: ठीक-ठाक
- 600-649: औसत
- 600 से नीचे: सुधार की जरूरत

क्रेडिट स्कोर कैसे चेक करें?

आजकल ये काम बेहद आसान है:

1. बैंकिंग ऐप्स: ज्यादातर बैंक अपने कस्टमर को फ्री में क्रेडिट स्कोर दिखाते हैं।
2. फिनटेक ऐप्स: क्रेड, पेटीएम, फोनपे जैसी ऐप्स पर भी स्कोर देख सकते हैं।
3. क्रेडिट ब्यूरो वेबसाइट्स: CIBIL, Experian, Equifax, CRIF High Mark की साइट्स पर डायरेक्ट चेक कर सकते हैं।

क्रेडिट स्कोर सुधारने के तरीके

1. समय पर पेमेंट करें
EMI या क्रेडिट कार्ड बिल कभी लेट न करें। ऑटो डेबिट सेट कर लें, ताकि भूलें न।

2. क्रेडिट लिमिट का कम इस्तेमाल करें
30% से ज्यादा लिमिट यूज़ न करें। अगर जरूरत हो, तो लिमिट बढ़वाने की कोशिश करें।

3. पुराने अकाउंट्स को खुला रखें
पुराने क्रेडिट कार्ड्स बंद मत करें, भले ही यूज़ न कर रहे हों। पुराना अकाउंट स्कोर के लिए अच्छा है।

4. क्रेडिट मिक्स बनाएं रखें
सिर्फ क्रेडिट कार्ड या सिर्फ लोन न रखें— दोनों का बैलेंस अच्छा रहता है।

5. नए अप्लाई करने से बचें
एक साथ कई नए कार्ड या लोन के लिए अप्लाई न करें।

6. रेगुलर मॉनिटरिंग करें
साल में कम से कम एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट जरूर देख लें। कोई गड़बड़ी लगे तो तुरंत ठीक करवाएं।

भारत के मुख्य क्रेडिट ब्यूरो

- CIBIL (TransUnion CIBIL)
- Experian
- Equifax
- CRIF High Mark

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या क्रेडिट स्कोर जीरो हो सकता है?
नहीं, स्कोर हमेशा 300 से 900 के बीच होता है। अगर कोई क्रेडिट हिस्ट्री ही नहीं है, तो स्कोर दिखेगा ही नहीं।

2. स्कोर चेक करने से स्कोर घटता है?
नहीं, जब आप खुद स्कोर चेक करते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ता। इसे सॉफ्ट इन्क्वायरी कहते हैं।

3. स्कोर सुधारने में कितना वक्त लगता है?
अगर आप सही आदतें अपनाते हैं, तो 3-6 महीने में फर्क दिखने लगता है।



निष्कर्ष

क्रेडिट स्कोर सीधा आपके फाइनेंस की सेहत बताता है। अच्छा स्कोर मतलब लोन, क्रेडिट कार्ड जल्दी और आसान शर्तों पर मिलना, वो भी बेहतर ब्याज दर के साथ। अपने स्कोर पर ध्यान रखें, फाइनेंशियल डिसिप्लिन बनाए रखें—क्योंकि अच्छा स्कोर बनाना टाइम लेता है, लेकिन एक गलती से सब बिगड़ सकता है।

सावधानी: ये जानकारी सिर्फ आपकी समझ के लिए है। कोई भी बड़ा फाइनेंशियल फैसला लेने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

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